तोरई तुरई शब्जी खाने के अद्भुत फायदे विभिन्न रोगों में?
दोस्तो आज हम तुरई शब्जी की बात करेंगे और इसके
बीमारियों के बारे में ।
*🐊तोरई, या तुरई (वैज्ञानिक नाम : Luffa acutangula) एक लता है जिसके फल सब्जी बनाने के काम आते हैं, इसे भारत के कुछ राज्यों में "झिंग्गी" भी कहा जाता है। यह वर्षा ऋतु में पैदा होती है।🐊*
*तोरी/तुरई के निम्नलिखित गुण :*
🐊 *पेट दर्द में* यदि पेट में दर्द हो रहा हो तो आप तुरई की सब्जी का सेवन करें। यह पेट दर्द दूर करने का आसान उपाय है। पेट दर्द की मुख्य वजह है अपच है। तुरूई अपच को खत्म कर देती है। जो लोग लंबे समय से तोरी की सब्जी खाते हैं उन्हें कब्ज और पेट दर्द नहीं होता है।
*🐊दाद, खुजली और खाज* दाद, खाज और खुजली की समस्या से यदि आप परेशान हैं तो तुरई के बीजों और पत्तों को पानी के साथ पीसकर इसका पेस्ट बनाएं और इसका लेप त्वचा पर लगाएं। यह खुजली और दाद से तुरंत राहत देती है। इसके अलावा आप तुरई के इस पेस्ट को कुष्ठ रोग पर भी लगा सकते हो।
*🐊बालों को काला करने के लिए* यदि बाल समय से पहले सफेद हो गए हों तो आप तुरई के छोटे-छोटे टुकड़ों को काटकर इसे सुखा लें और इसके सुखे हुए टुुकड़ों को नारियल तेल में मिला लें और कम से कम पांच दिनों तक इसे रखे रहें। और इस तेल को हल्का गरम करने के बाद बालों पर लगाएं । इस तेल कि नियमित मालिश करने से बाल जल्दी काले हो जाते हैं।
*🐊पथरी निकाले* पथरी को ठीक करने के लिए और इसके दर्द से बचने के लिए आप तुरई के बेल को पानी या फिर दूध के साथ घिसकर एक सप्ताह तक सेवन करें।
*🐊पीलिया की बीमारी* यदि किसी कारणवश पीलिया रोग हो जाए तो आप तोरी के फल के रस की कम से कम दो बूंदे रोगी के नाक में डालें। इस उपाय से नाक से पीले रंग का पदार्थ बाहर आ जाता है और पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
*🐊डायबिटीज रोग में तुरई* मधुमेह यानि डायबिटीज में तुरई एक कारगर औषधि का काम करती है। इसमें इंसुलीन की तरह पेपटाइडस होता है। इसलिए जो लोग शुगर से परेशान हैं वे तुरई की खूब सब्जी खाएं।
*🐊लीवर की समस्य में तोरी* तुरई की सब्जी खाने से लीवर की समस्याएं ठीक होती हैं। इसके अलावा तोरी लीवर में खून को साफ करती है। लीवर के लिए यह किसी गुणकारी औषधि से कम नहीं होती है
अभिषेक ।
Techwar339@gmail.com
दोस्तो आज हम तुरई शब्जी की बात करेंगे और इसके
बीमारियों के बारे में ।
*🐊तोरई, या तुरई (वैज्ञानिक नाम : Luffa acutangula) एक लता है जिसके फल सब्जी बनाने के काम आते हैं, इसे भारत के कुछ राज्यों में "झिंग्गी" भी कहा जाता है। यह वर्षा ऋतु में पैदा होती है।🐊*
*तोरी/तुरई के निम्नलिखित गुण :*
🐊 *पेट दर्द में* यदि पेट में दर्द हो रहा हो तो आप तुरई की सब्जी का सेवन करें। यह पेट दर्द दूर करने का आसान उपाय है। पेट दर्द की मुख्य वजह है अपच है। तुरूई अपच को खत्म कर देती है। जो लोग लंबे समय से तोरी की सब्जी खाते हैं उन्हें कब्ज और पेट दर्द नहीं होता है।
*🐊दाद, खुजली और खाज* दाद, खाज और खुजली की समस्या से यदि आप परेशान हैं तो तुरई के बीजों और पत्तों को पानी के साथ पीसकर इसका पेस्ट बनाएं और इसका लेप त्वचा पर लगाएं। यह खुजली और दाद से तुरंत राहत देती है। इसके अलावा आप तुरई के इस पेस्ट को कुष्ठ रोग पर भी लगा सकते हो।
*🐊बालों को काला करने के लिए* यदि बाल समय से पहले सफेद हो गए हों तो आप तुरई के छोटे-छोटे टुकड़ों को काटकर इसे सुखा लें और इसके सुखे हुए टुुकड़ों को नारियल तेल में मिला लें और कम से कम पांच दिनों तक इसे रखे रहें। और इस तेल को हल्का गरम करने के बाद बालों पर लगाएं । इस तेल कि नियमित मालिश करने से बाल जल्दी काले हो जाते हैं।
*🐊पथरी निकाले* पथरी को ठीक करने के लिए और इसके दर्द से बचने के लिए आप तुरई के बेल को पानी या फिर दूध के साथ घिसकर एक सप्ताह तक सेवन करें।
*🐊पीलिया की बीमारी* यदि किसी कारणवश पीलिया रोग हो जाए तो आप तोरी के फल के रस की कम से कम दो बूंदे रोगी के नाक में डालें। इस उपाय से नाक से पीले रंग का पदार्थ बाहर आ जाता है और पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
*🐊डायबिटीज रोग में तुरई* मधुमेह यानि डायबिटीज में तुरई एक कारगर औषधि का काम करती है। इसमें इंसुलीन की तरह पेपटाइडस होता है। इसलिए जो लोग शुगर से परेशान हैं वे तुरई की खूब सब्जी खाएं।
*🐊लीवर की समस्य में तोरी* तुरई की सब्जी खाने से लीवर की समस्याएं ठीक होती हैं। इसके अलावा तोरी लीवर में खून को साफ करती है। लीवर के लिए यह किसी गुणकारी औषधि से कम नहीं होती है
अभिषेक ।
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