कैसे बनाये एक बेहतरीन थंबनेल अपने यूट्यूब चैनेल के लिए ,जानिये इस लेख और वीडियो में।

कैसे बनाये एक बेहतरीन थंबनेल अपने यूट्यूब चैनेल के लिए ,जानिये इस लेख और वीडियो में।


      दोस्तों आपको देखना होगा ये वीडियो जो निचे दिया गया, है यह चैनेल
सब्सक्राइब करिये,   दोस्तों इस वीडियो में 2 ऐप्स का इस्तेमाल किया गया है
1. Photo editor 2.8mb size
2. pixallab.
इन्ही दोनों की मदद से आप बहुत ही शानदार thumbnail बनाकर
अपने वीडियोस पे ढेर सारे लाइक्स और व्यूज पा सकते है,
टेक्नोलॉजी से जुडी हर चीज जानने के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनेल
gridy tech को सब्सक्राइब कर सकते है , यहां आपको टेक्नोलॉजी से जुडी
 हर जानकारी मिलती रहेगी , वीडियो जरूर देखे जिससे आप आसानी से 
समझ सके सब कुछ, आपका दोस्त अभिषेक,

लेबरा डॉग के बारे में कुछ तथ्य और वीडियो,

in this video, the labera dog puppy is playing ,
About labera dog.
This list of Labrador Retrievers covers notable individual dogs that belong to this breed. The Labrador retriever is the most popular breed of dog (by registered ownership) in both the United States and the United Kingdom. The breed is exceptionally affable, intelligent, energetic and good natured, making them excellent and popular pets, companions and working dogs. They have a high work ethic[1] Common working roles for Labradors include: hunting, tracking and detection, disabled-assistance, carting, and therapy work. Approximately 60–70% of all guide dogs in the United States are Labradors.

As both the most popular breed by registered ownership and also the most popular breed for service dogs in several countries, there have been many notable and famous labradors since the breed was recognize.

pythagoras Theorem भारत की देंन है,२३२.Jvr.

पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। abhishek yadav uttam.JVR.
  • एक प्रमेय (Theorem) होती है जिसका हम नवमी-दसमी से लेकर बारह्वी कक्षा तक प्रयोग करते हैं, जिसे हम पईथागोरस थेओरम कहते हैं| पईथागोरस का जन्म हुआ ईसा से आठ शताब्दी पहले हुआ था और ईसा के पंद्रहवी शताब्दी पहले के भारत के गुरुकुलों के रिकार्ड्स बताते हैं कि वो प्रमेय हमारे यहाँ था, उसको हम बोधायन प्रमेय के रूप में पढ़ते थे|

बोधायन एक महिर्षि हुए उनके नाम से भारत में ये प्रमेय ईशा के जन्म के पंद्रहवी शताब्दी पहले पढाई जाती थी यानि आज से लगभग साढ़े तीन हज़ार साल पहले भारत में वो प्रमेय पढाई जाती थी, बोधायन प्रमेय के नाम से और वो प्रमेय है – किसी आयत के विकर्ण द्वारा व्युत्पन्न क्षेत्रफल उसकी लम्बाई एवं चौड़ाई द्वारा पृथक-पृथक व्युत्पन्न क्षेत्र फलों के योग के बराबर होता है। तो ये प्रमेय महिर्षि बोधायन की देन है जिसे हम आज भी पढ़ते हैं और पईथागोरस ने बेईमानी करके उसे अपने नाम से प्रकाशित करवा लिया है और सारी दुनिया आजतक भ्रम में है |
———————————————————————————————
शुल्ब सूत्र या शुल्बसूत्र संस्कृत के सूत्रग्रन्थ हैं जो स्रौत कर्मों से सम्बन्धित हैं। इनमें यज्ञ-वेदी की रचना से सम्बन्धित ज्यामितीय ज्ञान दिया हुआ है। संस्कृत कें शुल्ब शब्द का अर्थ नापने की रस्सी या डोरी होता है। अपने नाम के अनुसार शुल्ब सूत्रों में यज्ञ-वेदियों को नापना, उनके लिए स्थान का चुनना तथा उनके निर्माण आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है। ये भारतीय ज्यामिति के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं।
शुल्बसूत्र, स्रौत सूत्रों के भाग हैं ; स्रौतसूत्र, वेदों के उपांग (appendices) हैं। शुल्बसूत्र ही भारतीय गणित के सम्बन्ध में जानकारी देने वाले प्राचीनतम स्रोत हैं।
——————————————————————————————-
शुल्बसूत्रों में बौधायन का शुल्बसूत्र सबसे प्राचीन माना जाता है। इन शुल्बसूत्रों का रचना समय १२०० से ८०० ईसा पूर्व माना गया है।
अपने एक सूत्र में बौधायन ने विकर्ण के वर्ग का नियम दिया है-
दीर्घचातुरास्रास्याक्ष्नाया रज्जुः पार्च्च्वमानी तिर्यङ्मानीच |
यत्पद्ययग्भूते कुरुतस्तदुभयं करोति ||
एक आयत का विकर्ण उतना ही क्षेत्र इकट्ठा बनाता है जितने कि उसकी लम्बाई और चौड़ाई अलग-अलग बनाती हैं। यहीं तो पाइथागोरस का प्रमेय है। स्पष्ट है कि इस प्रमेय की जानकारी भारतीय गणितज्ञों को पाइथागोरस के पहले से थी। दरअसल इस प्रमेय को बौधायन-पाइथागोरस प्रमेय कहा जाना चाहिए।
———————————————

क्या होगा यदि 5 second के लिए पृथ्वी से ऑक्सीजन गायब हो जाए, पढ़िए और शेयर करिये,

For welfare of world ,plz share to everybody.

5 सेकंड के लिए धरती बहुत, बहुत ठंडी हो जाएगी.
जितने भी लोग समुद्र किनारे लेटे है उन्हें तुरंत सनबर्न होने लगेगा.
दिन में भी अंधेरा छा जाएगा.
हर वह इंजन रूक जाएगा जिनमें आंतरिक दहन होता है. रनवे पर टेक ऑफ कर चुका प्लेन वही क्रैश हो जाएगा.
धातुओ के टुकड़े बिना वैल्डिंग के ही आपस में जुड़ जाएगे. ऑक्सीजन न होने का यह बहुत भयानक  साइड इफेक्ट होगा.
पूरी दुनिया में सबके कानों के पर्दे फट जाएगे. क्योंकि 21% ऑक्सीज़न के अचानक लुप्त होने से हवा का दबाव घट जाएगा. सभी का बहरा होना पक्का है.
कंक्रीट से बनी हर बिल्डिंग ढेर हो जाएगी.
हर जीवित कोशिका फूलकर फूट जाएगी. पानी में 88.8% ऑक्सीज़न होती है. ऑक्सीजन ना होने पर हाइड्रोजन गैसीय अवस्था में आ जाएगी और इसका वाॅल्यूम बढ़ जाएगा. हमारी साँसे बाद में रूकेगी, हम फूलकर पहले ही फट जाएँगे.
समुंद्रो का सारा पानी भाप बनकर उड़ जाएगा. क्योंकि बिना ऑक्सीजन पानी हाइड्रोजन गैस में बदल जाएगा और यह सबसे हल्की गैस होती है तो इसका अंतरिक्ष में उड़ना लाज़िमी है.
ऑक्सीजन के अचानक गुम होने से हमारे पैरों तले की जमीन खिसककर 10-15 किलोमीटर नीचे चली जाएगी

रूह कांप गई क्या। ये न हो इस लिए अपने जीवनकाल में कुछ वृक्ष जरूर लगाएं....... और ज्यादा से ज्यादा लोगों को लगाने के लिये प्रेरित करें.....
Dhnyavaad
        
Youtube channel, https://www.youtube.com/channel/UCSZU3voR9-aC4yqiqLlde9g.

The kashmir file movie download link. download the kashmir file movie. HD, Full hd.

 watch and download. the kashmir file direct. download the kashmir file. for any problem in downloading msg me and follow me on insta i will...

Popular