Goodby stone.


जय माता दी।
इन नुसखों की सबको जरूरत है, कृपा शेयर करके पुणय कमायें।
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1. पथरी का इलाज घरेलू नुस्खे से करना हो तो पथरचट्टा का 1 पत्ता और 4 दाने मिश्री पीस कर 1 गिलास पानी के साथ खाली पेट पिए।

2. 2 ग्राम मिश्री, 1 ग्राम सूखा धनिया और 1 ग्राम सरपगंधा पीस कर पानी के साथ लेने से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है।

3. अगर आप को शूगर बढ़ने की बीमारी है तो सुबह सुबह खाली पेट करेले का जूस पिये। जूस बनाने से पहले करेले के बीज निकाल दे। जूस निकलने के बाद इसमें थोड़ा पानी मिलाये और पिये। इस उपाय को 2 महीने तक लगातार करे आपकी शूगर कंट्रोल में रहेगी।

4. शरीर में खून की कमी पूरी करने के लिये 1 गिलास मीठे दूध में 5 ग्राम बेलगिरी चूरन मिला कर पिये। कुछ दिन लगातार इस उपाय को करने से खून की कमी दूर होने लगती है।

5. खूनी बवासीर के इलाज में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले हुए काले तिल को घर में बनाया हुआ ताज़ा मक्खन के साथ खाये। इस के निरंतर प्रयोग करने से बवासीर में खून का निकलना  बंद हो जाता है।

6. सर्दी जुकाम की समस्या में नाक बंद होने लगे तो थोड़ी सी अज्वाइन पीस कर किसी पतले कपड़े में बाँध ले और थोड़ी थोड़ी देर में इसे सूंघे, इससे नाक खुल जाएगी। जाने सर्दी जुकाम के इलाज के देसी नुस्खे कैसे करे।

7. अगर किसी को लकवे का अटैक पड़े तो तुरंत 50 से 100 ग्राम तिल का तेल गुनगुना कर के पिला दे और कच्चा लहसुन चबाने को दे।

8. मसूड़ों में दर्द, दाँत दर्द और सूजन की समस्या का उपचार करने के लिए 1 ग्लास पानी में 3 से 4 पत्ते अमरूद के उबाल ले और हल्का गुनगुना होने पर छान ले। अब इस पानी से थोड़ा नमक मिला कर कुल्ला करे, दांतों और मसूड़ों के दर्द से छुटकारा मिलेगा।

9. 1 गिलास पानी में थोड़ी सी गिलोय और 5 से 6 तुलसी के पत्ते डाल कर उबाल ले और काढ़ा बना कर पिये। इस काढ़े मे पपीते के 3 से 4 पत्तों का रस मिला कर पीने से प्लेट्लेट की मात्रा तेजी से बढ़ती है। ये आयुर्वेदिक दवा स्वाइन फ़्लू, डेंगू और चिकनगुनिया मे रामबाण उपचार का काम करती है।

10. चेहरे पर दाग धब्बे और झुर्रियां हो तो थोड़े से बेसन में थोड़ी सी मलाई और 2 चम्मच नींबू का रस डाल कर अच्छे से मिला ले। अब इस मिश्रण को आधे घंटे के लिये चेहरे पर लगा कर रखे फिर धो ले।  इस gharelu upay से चेहरे की खुश्की दूर होती है, झुर्रियां सॉफ होती है और चेहरे पर चमक आती है।

11. सर्दियों में होने वाले रोगों से बचने और स्वस्थ रहने के लिए जरुरी है की खान पान का ध्यान रखा जाये। सर्दियों के मौसम में काली मिर्च, अदरक, लहसुन, तिल, केसर और गुड जैसी चीज़े खाना चाहिये। ठण्ड में विटामिन सी के लिए संतरा, अमरुद और नींबू का सेवन करे।

12. गले में टॉन्सिल और छाले होने पर आधा लीटर पानी में 20 ग्राम मेथी दाना डाल कर धीमी आँच पर पकाए और पानी को अच्छी तरह उबलने दे। पानी ठंडा होने पर इसे छान ले फिर इस में नमक डाल कर 5 से 10 मिनट तक गरारे करे। इस उपाय को दिन में 2 – 3 बार करने पर टॉन्सिल्स से होने वाला दर्द कम होने लगेगा।

13. जब छोटे बच्चों के दाँत निकलते है तब उन्हें काफ़ी पीड़ा होती है। इसके इलावा उल्टी – दस्त और बुखार जैसी परेशानियां भी होती है। ऐसे में बच्चों को संतरे का रस देने से उनकी बैचेनी दूर होती है और पाचन शक्ति बढ़ती है। एक बार में 2 चम्मच रस ही दे और दिन में कम से कम 3 बार आप बच्चे को संतरे का रस पिलाये।
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खाना खाने के बाद तुरंत पानी पीना या ठंढा पानी पीना क्यों है खतरनाक।

Jai hind vande matram.

कृपया मैसेज को पढें और अपने दोस्तों को भेजे

ये जानना बहुत जरुरी है.!

हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद.!
क्या कारण है.?
हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया,
लस्सी पी, दूध, दही, छाझ, लस्सी, फल आदि.!
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है.!
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है
जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
"epigastrium"
ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर
हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350gms खाना आ सकता है.!
हम कुछ भी खाते
सब ये अमाशय मे आ जाता है.!

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है

उसी को कहते हे "जठराग्न".!
ये जठराग्नि है
वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
ऐसे ही पेट मे होता है
जेसे ही आपने खाना खाया
की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी..t
यह ऑटोमेटिक है,
जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला
की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई.!
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना' पचता है |

अब अपने खाते ही
गटागट पानी पी लिया
और खूब ठंडा पानी पी लिया.r

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है.!

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी
वो बुझ गयी.!
आग अगर बुझ गयी
.तो खाने की पचने की जो क्रिया है
वो रुक गयी.!
You suffer from IBS,
Never CURABLE

अब हमेशा याद रखें
खाना जाने पर
हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
एक क्रिया है
जिसको हम कहते हे
"Digestion"
और दूसरी है "fermentation" फर्मेंटेशन का मतलब है
सडना...!
और
डायजेशन का मतलब हे
पचना.!

आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी
तो खाना पचेगा,
खाना पचेगा
तो उससे रस बनेगा.!
जो रस बनेगा
तो उसी रस से
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र और अस्थि बनेगा
और सबसे अंत मे मेद बनेगा.!

ये तभी होगा
जब खाना पचेगा.!

यह सब हमें चाहिए.
ये तो हुई खाना पचने की बात.
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?

खाने के सड़ने पर
सबसे पहला जहर जो बनता है
वो हे यूरिक एसिड (uric acid)

कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है
की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है
आप ये दवा खाओ,
वो दवा खाओ यूरिक एसिड कम करो|
और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है,
तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है
जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol)

जब आप
ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने
डॉक्टर के पास जाते हैं
तो वो आपको कहता है (HIGH BP)

हाई-बीपी है
आप पूछोगे...
कारण बताओ.?

तो वो कहेगा
कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |

आप ज्यादा पूछोगे
की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा
LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा
खतरनाक एक  विष हे
वो है.... VLDL
(Very Low Density Lipoprotive)

ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया
तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|

खाना सड़ने पर
और जो जहर बनते है
उसमे एक ओर विष है
जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides.!

जब भी डॉक्टर
आपको कहे
की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे
तो समज लीजिए
की आपके शरीर मे
विष निर्माण हो रहा है |

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,
कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे,
कोई LDL -VLDL के नाम से कहे
समझ लीजिए
की ये विष हे
और ऐसे विष 103 है |

ये सभी विष
तब बनते है
जब खाना सड़ता है |

मतलब समझ लीजिए
किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए
की खाना पच नहीं रहा है ,

कोई कहता हे
मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप...!
की आपका खाना पच नहीं रहा है |

कोई कहता है
मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे
की खाना पच नहीं रहा है |

क्योंकि खाना पचने पर
इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता.!

खाना पचने पर
जो बनता है
वो है....
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र, अस्थि.!

और

खाना नहीं पचने पर बनता है....
यूरिक एसिड,
कोलेस्ट्रोल,
LDL-VLDL.!


और यही
आपके शरीर को
रोगों का घर बनाते है.!

पेट मे बनने वाला यही जहर
जब ज्यादा बढ़कर खून मे आते है !
तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता
और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा
जो खून मे आया है
इकट्ठा होता रहता है
और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
जिसे आप
heart attack कहते हैं.!

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे
वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए
इसके लिए पेट मे
ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|

क्योंकि
बिना आग के खाना पचता नहीं हे
और खाना पकता भी नहीं है

महत्व की बात
खाने को खाना नहीं
खाने को पचाना है |

आपने क्या खाया कितना खाया
वो महत्व नहीं हे.!

खाना अच्छे से पचे
इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया.!

"भोजनान्ते विषं वारी"

(मतलब
खाना खाने के तुरंत बाद
पानी पीना
जहर पीने के बराबर है)

इसलिए खाने के
तुरंत बाद पानी
कभी मत पिये..!

अब आपके मन मे सवाल आएगा
कितनी देर तक नहीं पीना.?

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे
इसका
क्या calculation हैं.?

बात ऐसी है....!

जब हम खाना खाते हैं
तो जठराग्नि द्वारा
सब एक दूसरे मे
मिक्स होता है
और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं.!

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक
1 घंटा 48 मिनट का समय लगता है !

उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है.!

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत धीमी हो जाती है)

पेस्ट बनने के बाद
शरीर मे रस बनने की
परिक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को
पानी की जरूरत होती हैं।

तब आप जितना इच्छा हो
उतना पानी पिये.!

जो बहुत मेहनती लोग है
(खेत मे हल चलाने वाले,
रिक्शा खीचने वाले,
पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही
रस बनने लगता है
उनको  घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे
खाना खाने के पहले
कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं.?

तो खाना खाने के
45 मिनट पहले तक
आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे
ये मिनट का calculation....?

बात ऐसी ही
जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये
तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है.!

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

तो आप खाना खाने से
45 मिनट पहले ही
पाने पिये.!

इसका जरूर पालण करे..!

अधिक अधिक लोगो को बताएं.!
If you think that
It's educating people
Then you may spread.
It's all upto you.


Dr. Komal agrawal Nagpur

आप खा रहे है धीमा जहर । नापुनशाक्ता।आदि रोग।

*
आप की हत्या की साजिश*
रची गई है!
और आप स्वयं ही आत्म हत्या के पक्ष में हैं!
वो भी परिवार सहित.?

*आप का और आप के परिवार का जीवन बचाना चाहते हैं तो यह पोस्ट जरूर पढे!*

सबसे ज्यादा मौतें देने वाला भारत में कोई है तो वह है... *रिफाईनड तेल*

 केरल आयुर्वेदिक युनिवर्सिटी आंफ रिसर्च केन्द्र के अनुसार, हर वर्ष 20 लाख लोगों की मौतों का कारण बन गया है... *रिफाईनड तेल*

आखिर भाई राजीव दीक्षित जी के कहें हुए कथन सत्य हो ही गये!

रिफाईनड तेल से *DNA डैमेज, RNA नष्ट, , हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज, ब्रेन डैमेज, लकवा शुगर(डाईबिटीज), bp नपुंसकता *कैंसर* *हड्डियों का कमजोर हो जाना, जोड़ों में दर्द,कमर दर्द, किडनी डैमेज, लिवर खराब, कोलेस्ट्रोल, आंखों रोशनी कम होना, प्रदर रोग, बांझपन, पाईलस, स्केन त्वचा रोग आदि!. एक हजार रोगों का प्रमुख कारण है।*

*रिफाईनड तेल बनता कैसे हैं।*

बीजों का छिलके सहित तेल निकाला जाता है, इस विधि में जो भी Impurities तेल में आती है, उन्हें साफ करने वह तेल को स्वाद गंध व कलर रहित करने के लिए रिफाइंड किया जाता है
*वाशिंग*-- वाशिंग करने के लिए पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब व अन्य खतरनाक एसिड इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि Impurities इस बाहर हो जाएं |इस प्रक्रिया मैं तारकोल की तरह गाडा वेस्टेज (Wastage} निकलता है जो कि टायर बनाने में काम आता है। यह तेल ऐसिड के कारण जहर बन गया है।

*Neutralisation*--तेल के साथ कास्टिक या साबुन को मिक्स करके 180°F पर गर्म किया जाता है। जिससे इस तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

*Bleaching*--इस विधी में P. O. P{प्लास्टर ऑफ पेरिस} /पी. ओ. पी. यह मकान बनाने मे काम ली जाती है/ का उपयोग करके तेल का कलर और मिलाये गये कैमिकल को 130 °F पर गर्म करके साफ किया जाता है!

*Hydrogenation*-- एक टैंक में तेल के साथ निकोल और हाइड्रोजन को मिक्स करके हिलाया जाता है। इन सारी प्रक्रियाओं में तेल को 7-8 बार गर्म व ठंडा किया जाता है, जिससे तेल में पांलीमर्स बन जाते हैं, उससे पाचन प्रणाली को खतरा होता है और भोजन न पचने से सारी बिमारियां होती हैं।
*निकेल*एक प्रकार का Catalyst metal (लोहा) होता है जो हमारे शरीर के Respiratory system,  Liver,  skin,  Metabolism,  DNA,  RNA को भंयकर नुकसान पहुंचाता है।

रिफाईनड तेल के सभी तत्व नष्ट हो जाते हैं और ऐसिड (कैमिकल) मिल जाने से यह भीतरी अंगों को नुकसान पहुंचाता है।

जयपुर के प्रोफेसर श्री राजेश जी गोयल ने बताया कि, गंदी नाली का पानी पी लें, उससे कुछ भी नहीं होगा क्योंकि हमारे शरीर में प्रति रोधक क्षमता उन बैक्टीरिया को लडकर नष्ट कर देता है, लेकिन रिफाईनड तेल खाने वाला व्यक्ति की अकाल मृत्यु होना निश्चित है!

*दिलथाम के अब पढे*

*हमारा शरीर करोड़ों Cells (कोशिकाओं) से मिलकर बना है, शरीर को जीवित रखने के लिए पुराने Cells नऐ Cells से Replace होते रहते हैं नये Cells (कोशिकाओं) बनाने के लिए शरीर खुन का उपयोग करता है, यदि हम रिफाईनड तेल का उपयोग करते हैं तो खुन मे Toxins की मात्रा बढ़ जाती है व शरीर को नए सेल बनाने में अवरोध आता है, तो कई प्रकार की बीमारियां जैसे* -— कैंसर *Cancer*,  *Diabetes* मधुमेह, *Heart Attack* हार्ट अटैक, *Kidney Problems* किडनी खराब,
*Allergies,  Stomach Ulcer,  Premature Aging,  Impotence,  Arthritis,  Depression,  Blood pressure आदि हजारों बिमारियां होगी।*

 रिफाईनड तेल बनाने की प्रक्रिया से तेल बहुत ही मंहगा हो जाता है, तो इसमे पांम आंयल मिक्स किया जाता है! (पांम आंयल सवमं एक धीमी मौत है)

*सरकार का आदेश*--हमारे देश की पॉलिसी अमरिकी सरकार के इशारे पर चलती है। अमरीका का पांम खपाने के लिए,मनमोहन सरकार ने एक अध्यादेश लागू किया कि,
प्रत्येक तेल कंपनियों को 40 %
खाद्य तेलों में पांम आंयल मिलाना अनिवार्य है, अन्यथा लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा!
इससे अमेरिका को बहुत फायदा हुआ, पांम के कारण लोग अधिक बिमार पडने लगे, हार्ट अटैक की संभावना 99 %बढ गई, तो दवाईयां भी अमेरिका की आने लगी, हार्ट मे लगने वाली  स्प्रिंग(पेन की स्प्रिंग से भी छोटा सा छल्ला) , दो लाख रुपये की बिकती हैं,
यानी कि अमेरिका के दोनो हाथों में लड्डू, पांम भी उनका और दवाईयां भी उनकी!

*अब तो कई नामी कंपनियों ने पांम से भी सस्ता,, गाड़ी में से निकाला काला आंयल* *(जिसे आप गाडी सर्विस करने वाले के छोड आते हैं)*
*वह भी रिफाईनड कर के खाद्य तेल में मिलाया जाता है, अनेक बार अखबारों में पकड़े जाने की खबरे आती है।*

सोयाबीन एक दलहन हैं, तिलहन नही...
दलहन में... मुंग, मोठ, चना, सोयाबीन, व सभी प्रकार की दालें आदि होती है।
तिलहन में... तिल, सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम आदि आती है।
अतः सोयाबीन तेल ,  पेवर पांम आंयल ही होता है। पांम आंयल को रिफाईनड बनाने के लिए सोयाबीन का उपयोग किया जाता है।
सोयाबीन की एक खासियत होती है कि यह,
प्रत्येक तरल पदार्थों को सोख लेता है,
पांम आंयल एक दम काला और गाढ़ा होता है,
उसमे साबुत सोयाबीन डाल दिया जाता है जिससे सोयाबीन बीज उस पांम आंयल की चिकनाई को सोख लेता है और फिर सोयाबीन की पिसाई होती है, जिससे चिकना पदार्थ तेल तथा आटा अलग अलग हो जाता है, आटा से सोया मंगोडी बनाई जाती है!
आप चाहें तो किसी भी तेल निकालने वाले के सोयाबीन ले जा कर, उससे तेल निकालने के लिए कहे!महनताना वह एक लाख रुपये  भी देने पर तेल नही निकालेगा, क्योंकि. सोयाबीन का आटा बनता है, तेल नही!

सूरजमुखी, चावल की भूसी (चारा) आदि के तेल रिफाईनड के बिना नहीं निकाला जा सकता है, अतः ये जहरीले ही है!

फॉर्च्यून.. अर्थात.. आप के और आप के परिवार के फ्यूचर का अंत करने वाला.

सफोला... अर्थात.. सांप के बच्चे को सफोला कहते हैं!
5 वर्ष खाने के बाद शरीर जहरीला
10 वर्ष के बाद.. सफोला (सांप का बच्चा अब सांप बन गया है.
15 साल बाद.. मृत्यु... यानी कि सफोला अब अजगर बन गया है और वह अब आप को निगल जायगा.!

पहले के व्यक्ति 90.. 100 वर्ष की उम्र में मरते थे तो उनको मोक्ष की प्राप्ति होती थी, क्योंकि.उनकी सभी इच्छाए पूर्ण हो जाती थी।

और आज... अचानक हार्ट अटैक आया और कुछ ही देर में मर गया....?
उसने तो कल के लिए बहुत से सपने देखें है, और अचानक मृत्यु..?
अधुरी इच्छाओं से मरने के कारण.. प्रेत योनी मे भटकता है।

*राम नही किसी को मारता.... न ही यह राम का काम!*
*अपने आप ही मर जाते हैं.... कर कर खोटे काम!!*
गलत खान पान के कारण, अकाल मृत्यु हो जाती है!

*सकल पदार्थ है जग माही..!*
*कर्म हीन नर पावत नाही..!!*
अच्छी वस्तुओं का भोग,.. कर्म हीन, व आलसी व्यक्ति संसार की श्रेष्ठ वस्तुओं का सेवन नहीं कर सकता!

तन मन धन और आत्मा की तृप्ति के लिए सिर्फ कच्ची घाणी का तेल, तिल सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम आदि का तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए! पोस्टीक वर्धक और शरीर को निरोग रखने वाला सिर्फ कच्ची घाणी का निकाला हुआ तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए!
आज कल सभी कम्पनी.. अपने प्रोडक्ट पर कच्ची घाणी का तेल ही लिखती हैं!
वह बिल्कुल झूठ है.. सरासर धोखा है!
कच्ची घाणी का मतलब है कि,, लकड़ी की बनी हुई, औखली और लकडी का ही मुसल होना चाहिए! लोहे का घर्षण नहीं होना चाहिए. इसे कहते हैं.. कच्ची घाणी.
जिसको बैल के द्वारा चलाया जाता हो!
आजकल बैल की जगह मोटर लगा दी गई है!
लेकिन मोटर भी बैल की गती जितनी ही चले!
लोहे की बड़ी बड़ी सपेलर (मशिने) उनका बेलन लाखों की गती से चलता है जिससे तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं और वे लिखते हैं.. कच्ची घाणी...
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इस पोस्ट को शेयर किजिए यह लोगों के प्राण बचाने की मुहिम हैं, लेकिन इस सम्पर्क सूत्र को मिटाये नहीं, क्योंकि यह व्यापार नहीं,, स्वदेशी का बढावा है, विदेशी लुट से छुटकारा है! स्वास्थ्य की सेवा है, शुद्धता लेने वालों के लिए.. सेवा केन्द्र है!
पता के अभाव के कारण, लोगों को शुद्ध तेल नहीं मिलता है!          🙏🙏🙏🙏🙏

Bussinesss start.now

4 लाख रुपये लगाकर शुरू करें यह बि‍जनेस,हर महीने होगा 50,000 का प्रॉफि‍ट http://m.money.bhaskar.com/news/MON-SME-OPP-invest-rs-business-news-hindi-5537365-PHO.html?ref=ucb&uc_news_item_id=1061635519451598&uc_news_app=browser_iflow http://m.money.bhaskar.com/news/MON-SME-OPP-invest-rs-business-news-hindi-5537365-PHO.html?ref=ucb&uc_news_item_id=1061635519451598&uc_news_app=browser_iflow

क्या आपको पता है parle G पर बनी लड़की की कहानी और अब कहा है वो कैसी कैसी दिखती है ???????

Jai mata dee.om.happy shivaratri.
क्या आपको पता

है पार्ले-जी के पैकेट पर बनी ये लड़की कौन है ?

क्या आपको पता है  पार्ले-जी के पैकेट पर बनी ये लड़की कौन है ?






हेल्लो दोस्तों जैसा की आप जानते है आज-कल बाज़ार में कई तरह के बिस्कुट मिलते है जो लोगो को बहुत पसंद भी आते है पर आप सभी ने पर्ले-जी बिस्किट तो जरुर खाया होगा, और शायद आप अभी भी खाते है.








पर क्या आपने कभी एसा सोचा है की ये पैकेट पर किसकी फोटो लगी है, ये लड़की कौन है, आपको कभी भी ये ख्याल आया है की पार्ले-जी जबसे मार्किट में आई है तब से एक ही लड़की की फोटो लगी रही है. बहुत सारे लोगो ने ये बात का पता लगाया पर कोई फायदा नहीं हुआ, पर दोस्तों आज हम आपको बता देते है की ये फोटो किसकी है,

 ये फोटो नीरू देशपांडे की है जो नागपुर से है.










नीरू जी जब चार साल की थी तब उसके पापा ने इसकी तस्वीर खिची थी, और ये तस्वीर को पार्ले-जी कंपनी ने अपने ब्रांड के पैकेट के लिए चुन लिया.



अभी नीरू देशपांडे 65 वर्ष की हो गयी है और वे अभी महाराष्ट्र में रहती है.








क्या आपको पता है की किसी विज्ञापन में पहली बार ऐसा हुआ है की किसी बाल कलाकार की 60 सालो से एक ही तस्वीर लगी हुई है.


Abhiahek yadav.uttam.
gyanvardhak labhdayak.on youtube.

कोई देश भारत से महान नहीं , और न कोई अन्य धर्म सनातन धर्म के समान : डॉ डेविड फ़्रॉली

Jai hind vande matram.Abhishek  yadav utttam.      

कोई देश भारत से महान नहीं , और न कोई अन्य धर्म सनातन धर्म के समान : डॉ डेविड फ़्रॉली


सबसे पहले तो आपको बता दें की डॉ डेविड फ़्रॉली हैं कौन ! डॉ डेविड फ़्रॉली विश्व प्रसिद्द लेखक है तथा अमरीकी है, इन्होंने भारत के इतिहास और धर्म के बारे में शोध किया, और फिर इन्होंने सनातन धर्म को ही स्वीकार कर लिया

डॉ डेविड फ़्रॉली लेखन के छेत्र में बेहद प्रसिद्द है, और भारत सरकार से लेखन के लिए इनाम जीत चुके है डॉ डेविड फ़्रॉली सनातन धर्म और भारत की तारीफ हर जगह करते है ये कई देशों की यात्रा करते है वहां भी भारत और सनातन धर्म की तारीफ ही करते रहते है ऐसा प्रतीत होता है की किसी मूल भारतीय से अधिक हिन्दुओ तो ये स्वयं हैं

डॉ डेविड फ़्रॉली बताते है की, न ही दुनिया में कोई देश भारत से महान है, न ही कोई भी अन्य धर्म महानता में सनातन धर्म की बराबरी तक कर सकता है  भारत के बारे में बताते हुए डॉ डेविड फ़्रॉली कहते है की जब अरब के इलाके में तथा यूरोप में लोगों को भाषा क्या होती है, उसका भी ज्ञान नहीं था, जब वो लिखना भी नहीं जानते थे तब भारत में हिन्दुओ ने कई वेद लिख डाले थे, ऐसा कोई किताब या धर्मग्रन्थ ही नहीं जो की ऋग्वेद से पुराना हो

डॉ डेविड फ़्रॉली बताते है की, जब दुनिया को ये भी नहीं पता था की शिक्षा क्या होती है, उस ज़माने में भारत में गुरुकुल चला करते थे, जहाँ शिक्षा दी जाती थी जब दुनिया में बाकि जगह घर क्या होता है ये भी लोग नहीं जानते थे तब भारत में कई सभ्यताएं और छोटे छोटे राज्य बन चुके थे, उदहारण के तौर पर सिंधु घाटी की सभ्यता डॉ डेविड फ़्रॉली यही नहीं रुकते वो तो यहाँ तक कहते है की, सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है  बाकि अन्य तो मानवनिर्मित पंथ है, जो की सनातन धर्म के देखा देखि लोगों ने अपने नए नए पंथ बनाये धर्म तो एक ही है वो है सनातन धर्म, जो मानवनिर्मित.

तो क्या महाभारत और रामायण के युग में भी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का अस्तित्व था? जानिये विस्तार से सभी देशो के बारे में।

Vande matram.@bhishek yadav.uttam.
Lucknow.
तो क्या महाभारत और रामायण के युग में भी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का अस्तित्व था?

महाभारत और रामायण हिन्दुओं के सबसे प्रमुख काव्य ग्रंथ है. दोनों ही भारत के सबसे धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथों के रूप में पहचाने जाते हैं. विश्व के सबसे लंबे साहित्यिक ग्रंथ महाभारत और श्रीराम की ज़िन्दगी पर आधारित रामायण, आज भी दुनिया के विभिन्न समाजों के लिए प्रासंगिक बने हुए हैं और सबसे ख़ास फ़िलोसोफिकल स्रोत के तौर पर मौजूद है.

 

लेकिन महाभारत और रामायण के दौर में आखिर बाकी सभ्यताएं किस तरह मौजूद थी? क्या सभ्यताओं का निर्माण शुरु हो गया था? आधुनिक ज़माने के सबसे महत्वपूर्ण देश, आखिर उस समय में किस अवस्था में मौजूद थे? पर सामने आए इस प्रश्न पर कई लोगों ने काफ़ी दिलचस्प दावे किए हैं.

नेपाल में हुआ था सीता का जन्म

इस शख्स के मुताबिक रामायण के दौर में अमेरिका को खोजा तक नहीं गया था और महाभारत का युग जीसस क्राइस्ट के पैदा होने के 1000-1500 साल पहले आया था. महाभारत के समय पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को भारत कहा गया था. ये भारत, आधुनिक भारत से कहीं ज़्यादा बड़े क्षेत्र में शामिल था. उस ज़माने में भारतीय महाद्वीप पर अलग-अलग शासकों का राज था.

एक और Quora thread में सामने आया कि कई ऐसे उदाहरण भी हैं जो साबित करते हैं कि महाभारत और रामायण के साम्राज्य भारत के बाहर मौजूद थे. मसलन, सीता का जन्म मिथिला में हुआ था, जो मौजूदा दौर में नेपाल में स्थित है. कैकेयी का साम्राज्य यानि माद्रा साम्राज्य आज के पाकिस्तान में मौजूद है. गांधार साम्राज्य वर्तमान समय में अफ़गानिस्तान में स्थित है. वहीं कंबोजास साम्राज्य को ईरान और पाराम कंबोजास आज के ज़माने के हिसाब से तज़ाकिस्तान में मौजूद है.

अगर दुनिया के बाकी हिस्सों की बात की जाए, तो वहां पर भी मानव अस्तित्व की मौजूदगी के अंश मिलते हैं. पुरातात्विक और पौराणिक सबूतों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि ये सभ्यताएं भारतीय सभ्यता जितनी विकसित नहीं थी. साफ़ है कि आधुनिक पश्चिमी सभ्यता केवल 300 से 500 साल ही पुरानी है.

पांडवों के अस्त्र-शस्त्र रखने की जगह थी ऑस्ट्रेलिया ?

Quora पर अपने जवाब में एक महिला ने दावा किया कि, महाभारत और 18 मुख्य पुराण वेद-व्यास द्वारा लिखे गए थे, जिन्होंने वेदों को कई भागों में बांटा था. विष्णुपुराण के अाधार पर उन्होंने ये जानकारी साझा की है.

पुराणों के मुताबिक, अमेरिका क्रौंच द्वीप में स्थित था. ये क्रौंचद्वीप ग्रुथा समुद्रम में स्थित है. इस द्वीप के पार, शीर समुद्र भी मौजूद है.अमेरिका क्रौंचद्वीप में था. क्रौंचद्वीप में सात पहाड़ थे, जो इस द्वीप की सीमा के रूप में मौजूद थे. इन पहाड़ों से सात नदियां बहा करती थी

कुरुवर्षम जम्बूद्वीप की उत्तरी सीमा में स्थित था.आधुनिक ज़माने का शक्तिशाली देश रूस कुरुवर्षम में ही मौजूद था और इसका प्राचीन नाम किरीस्थहन था.अर्जुन ने उत्थारा कुरु भूमि पर अपना अधिकार जमा लिया था. वहीं तुषाराराज्यम, तुर्कमेनिस्तान बन गया और कंभोजराज्यम बाद में चलकर तज़ाकिस्तान कहलाया.

क्रौंचाद्वीपम में एक जंगल मौजूद था, जिसे कपिलारान्य कहा जाता था. यही जंगल आज कैलिफॉर्निया के नाम से जाना जाता है.अस्त्रआलयम जहां पांडव अपने अस्त्र-शस्त्र और हथियारों को रखा करते थे, उसे आज ऑस्ट्रेलिया कहा जाता है.

प्रियवर्था जो स्वायमभुव मनु के पहले बेटे थे, ने पृथ्वी पर 60 सालों तक राज किया था. उसने अपने सात बेटों के लिए पृथ्वी को सात भागों में बांट दिया था. पृथ्वी स्वयमभुव मनु के बेटों के पैदा होने के बाद सात द्वीपों में बंट गई थी. इन द्वीपों के नाम थे, जम्बूद्वीपम्, क्रौंचद्वीपम, प्लाक्शा द्वीपम, शालमली द्वीपम, शुकद्वीपम, शाकद्वीपम और पुष्करद्वीपम थे.

चीनी महाभारत के समय भी थे मौजूद

सन 1500 से लेकर सन 1750 तक आधुनिक पश्चिमी सभ्यता का बोल-बाला रहा और बदलते समय के साथ-साथ अलग-अलग सभ्यताओं ने अपना रुतबा कायम रखा. इस हिसाब से देखा जाए. तो भारतीय उपमहाद्वीप दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता रही.

दुनियाभर में 300 ज़्यादा रामायण के प्रचलित संस्करण हैं. उनमें वाल्मीकि रामायण, कंबन रामायण और रामचरित मानस, अद्भुत रामायण, आध्यात्म रामायण और आनंद रामायण की चर्चा ज़्यादा होती है. उक्त रामायण का अध्ययन करने पर हमें रामकथा से जुड़े कई नए तथ्‍यों की जानकारी मिलती है.

पुस्तकें और ग्रंथ : नेपाल, लाओस, कंपूचिया, मलेशिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, बाली, जावा, सुमात्रा और थाईलैंड आदि देशों की लोक-संस्कृति व ग्रंथों में आज भी राम ज़िन्दा हैं. दुनियाभर में बिखरे शिलालेख, भित्तिचित्र, सिक्के, रामसेतु, अन्य पुरातात्विक अवशेष, प्राचीन भाषाओं के ग्रंथ आदि से राम के होने की पुष्टि होती है.

संस्कृत की महान गाथा महाभारत में कई ऐसे कई तत्व भी मौजूद है, जो चीन के अस्तित्व की पुष्टि करती है. महाभारत में, चीनियों के साथ असम के राजा भागादत्ता की अपनी सेना थी. वही राजा सभापर्वण जैसी जगह में भी चीनियों से घिरा रहता था. उस दौर में सिंधु घाटी सभ्यता और कांस्टेंटिनोपल (इस्तानबुल) के बीच व्यापार का एक रूट हुआ करता था.

 प्राचीन जगहों के बदले नाम

कुरुक्षेत्र के पास एक जगह मौजूद है, अमीन. ये इससे पहले तक अभिमन्युपुर के नाम से जानी जाती थी.

जयंता, कुरुक्षेत्र के पास ही स्थित एक गांव का नाम था. आधिकारिक तौर पर अब इस जगह को जींद कहा जाता है, जो हरियाणा में अब एक जिला बन चुका है.

पानीप्रस्थ को अब लोग पानीपत के नाम से जानते है, वहीं सोनीप्रस्थ अब सोनीपत और व्याग्रपत अब बागपत बन गया है.
खंडावप्रस्थ जो कि एक जंगल था, को पहले इंद्रप्रस्थ जैसे शहर के तौर पर स्थापित किया गया और अब आधुनिक समय में इसी जगह को दिल्ली कहा जाता है.

हस्तिनापुर (जिसका नाम राजा हस्तिन था) और मथुरा ऐसी दो जगहें जिनके नामों में अब तक कोई बदलाव नहीं आया है और आखिर में, गुरूग्राम है, जिसे मॉर्डन समय में गुड़गांव कहा गया. लेकिन अब ये एक बार फिर अपने प्राचीन नाम गुरुग्राम में जाना जाने लगा है.

कांधार को उस समय गांधार कहा जाता था. गांधार के राजा शकुनि, महाभारत में एक अहम किरदार के तौर पर जाने जाते हैं. गांधार इसी नाम के साथ ईरान में स्थित है. वहीं कुरुस ने एनाटॉलियंस को यावानास का नाम दिया. कंबोजा, उत्तर कुरु(उज्बेकिस्तान), फ़रस (सिस्तान) का नाम भी महाभारत में कुछ जगह मौजूद है.

जेएनयू प्रोफे़सर की इस मामले में ये है राय

स्त्राद्रु दास ने इस मामले में जेएनयू प्रोफेसर रोमिला थापर की राय पर प्रकाश डाला. प्रोफ़ेसर रोमिला थापर के मुताबिक, महाभारत की कहानी 1200 BC से और रामायण की 1300 BC से शुरु होती है. ये दोनो ही गाथाएं कई सदियों तक श्लोकों के रुप में बयान की जाती रही. 400 AD में इनके बारे में लिखना शुरु किया गया. इससे पहले भी कुछ ऐसे लेख थे, जो महत्वपूर्ण होने के बावजूद ज़्यादा चर्चा नहीं बटोर सकe

ये 1500 सालों का विकास था, जिसने महाभारत और रामायण को आज इस मुकाम पर लाकर खड़ा किया है. दोनों ही ग्रंथ अपने आप में बेहद जटिल है. दुनिया भर में इन्हें लेकर कई धारणाएं, परिभाषाएं और व्याख्याएं मौजूद है. दुनिया का विभिन्न समाज इसे जटिल और रहस्यमयी होने के चलते, अलग-अलग तरीकों से व्याख्या करता रहा हैं.

खास बात ये है कि इन्हें लंबे समय तक नहीं लिखा गया और इन महागाथाओं को केवल एक सीमित समय में ख़त्म कर दिया गया था. इससे ये अपने आस-पास होने वाली सामाजिक, राजनीतिक, वैचारिक परिस्थितियों से वंचित रहे जिसकी वजह से आने वाली सभ्यताएं इन्हें विभिन्न परिदृश्यों में कैद करने में कामयाब रही

2500 साल पहले तक ग्रीक सभ्यता अपने शुरुआती चरण में थी और रोमन सभ्यता में अब भी मछुआरे और चरवाहे काफ़ी संख्या में थे. Mesopotamian सभ्यता अपने ढलान पर थी, तो मिस्त्र की सभ्यता चरम पर. चीन की सभ्यता भी उस समय काफ़ी फल फूल रही थी और सिंधु घाटी सभ्यता पूरी तरह से ख़त्म होने की कगार पर थी क्योंकि लोगों ने दक्षिण की तरफ़ मुड़ना शुरु कर दिया था.
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ऐसे रोचक तथ्य जो आपने आज तक नहीं पढ़े और सुने होंगे।

Jai hind vande matram.jai mata dee.
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You tube ==gyanvardhak labhdayak.

जानिए IPC में धाराओ का मतलब .....*
*धारा 307* = हत्या की कोशिश
*धारा 302* = हत्या का दंड
*धारा 376* = बलात्कार
*धारा 395* = डकैती
*धारा 377* = अप्राकृतिक कृत्य
*धारा 396* = डकैती के दौरान हत्या
*धारा 120* = षडयंत्र रचना
*धारा 365* = अपहरण
*धारा 201* = सबूत मिटाना
*धारा 34*   = सामान आशय
*धारा 412* = छीनाझपटी
*धारा 378* = चोरी
*धारा 141* = विधिविरुद्ध जमाव
*धारा 191* = मिथ्यासाक्ष्य देना
*धारा 300* = हत्या करना
*धारा 309* = आत्महत्या की कोशिश
*धारा 310* = ठगी करना
*धारा 312* = गर्भपात करना
*धारा 351* = हमला करना
*धारा 354* = स्त्री लज्जाभंग
*धारा 362* = अपहरण
*धारा 415* = छल करना
*धारा 445* = गृहभेदंन
*धारा 494* = पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह0
*धारा 499* = मानहानि
*धारा 511* = आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड।
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हमारेे देश में कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें है, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण  हम अपने अधिकार से मेहरूम रह जाते है।

   तो चलिए ऐसे ही कुछ 
*पांच रोचक फैक्ट्स* की जानकारी आपको देते है,
जो जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है.

*(1)  शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती*-
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कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है.

*(2.) सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है*-

पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है.

*(3) कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो… आप फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है*-

इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई  कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है.

*(4) गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता*-

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो  उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है.

*(5) पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता*

आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम *(6)*महीने से लेकर 1  साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है.

*इन रोचक फैक्ट्स को हमने आपके लिए ढूंढ निकाला है*.

ये वो रोचक फैक्ट्स है, जो हमारे देश के कानून के अंतर्गत आते तो है पर हम इनसे अंजान है. हमारी कोशिश होगी कि हम आगे भी ऐसी बहोत सी रोचक बाते आपके समक्ष रखे, जो आपके जीवन में उपयोगी हो।

*इस मैसेज को आगे भी भेजना और अपने पास सहेज कर रखना, आपके कभी भी ये अधिकार काम आ सकते हैं।*

Abhishek yadav uttam.

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