Abhishek yadav uttam .@@
बाबा रामदेव के बिजनेस के आगे सारी की सारी दिग्गज कंपनियां फेल होने जा रही हैं। पतंजलि के बिजनेस मंत्रा के आगे दिग्गज कंपनियां पानी मांगती नजर आ रही हैं।
New Delhi,Oct 20 : कौन कहता है कि मजबूत इरादों के आगे जीत नहीं होती। कभी एक छोटी सी आयुर्वेद कंपनी से शुरुआत करने वाले आचार्य बालकृष्ण और उनके मित्र बाबा रामदेव ने शायद इस बिजनेस मंत्र को फॉलो किया था। आज पतंजलि भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है। यहां तक कि अमीर लोगों की लिस्ट बनाने वाले पत्रिका फोर्ब्स में भी पतंजलि को भारत की टॉप मोस्ट कंपनियों में कहा गया है। पहले तो देशभर की दिग्गज कंपनियों ने अपनी जुबान बंद की हुई थी लेकिन अब ये कंपनियां भी मानने लगी हैं कि पतंजलि के आगे इनता बिजनेस फेल हो रहा है। आपको बता दें कि पतंजलि के बारे में युनिलीवर का कहना है कि पतंजलि की वजह से उनकी कंपनी को कड़ी टक्कर मिल रही है और वो अब इसका तोड़ ढूंढने में लगे हुए हैं
देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार की जाने वाली हिंदुस्तान युनिलीवर की पैरेंट कंपनी युनिलीवर ने ये बात पहली बार स्वीकार कर दी है कि आचार्य बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। युनिलीवर ने तो ये बयान भी दे डाला है कि पतंजलि से निपटने के लिए वो अपने नैचुरल सेगमेंट में नए प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने जा रही है। यानी एक बात तो साफ है कि पतंजलि की पॉवर के आगे देश की दिग्गज कंपनियां फेल होती नजर आ रही हैं। आज के वक्त में पतंजलि आपकी जरूरत का हर सामान तैयार कर रही है और उसमें शुद्धता की सौ फीसदी गारंटी भी दे रही है। विदेशी सामानों का विरोध करने वाले योगगुरु स्वामी रामदेव इस कंपनी यानी पतंजलि के ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
युनिलीवर के हेड एंड्रयू स्टीफन ने इन्वेस्टर्स के साथ हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस कॉल की और कहा कि भारत में आयुर्वेदिक सेगमेंट में नया देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने पतंजलि की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पतंजलि को लेकर पूरे हिंदुस्तान में लोगों का पॉजिटिव रिएक्शन देखने को मिल रहा है। ये दूसरी बार है जब पतंजलि को लेकर किसी बड़ी और दिग्गज कंपनी ने कहा है कि उसकी ग्रोथ लगातार बढ़ रही है। इससे पहले कॉलगेट पामोलिव ने भी एक बयान जारी किया था और कहा था कि भारत में नैचुरल कहा जाने वाला सेगमेंट लगातार बढ़ रहा है और कंपनियां इस तरफ मौके तलाश रही हैं। ये पतंजलि की ही पावर है कि एक दशक से कम वक्त में ही तमाम बिजनेस के सूरमाओं को पीछ छोड़कर 5000 करोड़ रुपये के मालिकाना हक वाली कंपनी बन गई।
अब पतंजलि ने देश की बड़ी कंपनियों में शुमार हिंदुस्तान युनिलीवर की भी टेंशन बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि हिंदुस्तान युनिलीवर की डिमांड लगातार ग्रामीण इलाकों से घटती जा रही है और लोग पतंजलि के प्रोडक्ट्स पर यकीन करने लगे हैं। आपको यहां ये भी याद दिलाना चाहते हैं कि बाबा रामदेव ने अप्रैल में एक दावा किया था, जिसमें कहा गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के पास युनिलीवर, कोलगेट और नेस्ले जैसी शक्तिशाली कंपनियों को पीछे छोड़ने की पूरी क्षमता है। अब कुल मिलाकर ऐसा ही देखने को मिल भी रहा है। पतंजलि आज के दौर में भारत के टॉप मोस्ट ट्रस्टेड ब्रांड में जगह हासिल कर चुका है। ये कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि पतंजलि आज बिजनेस वॉर में भारत की टॉप मोस्ट कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है।
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